वो तेरा मुझसे कुछ कहता है

यूँ जो तू तकता रहता है
आसमान को हर बार क्या
कोई रहता है इसमें
या फिर है कोई उम्मीद
जिसे तू हर पल तलाशता है।
***
 

हाँ है कोई दूर वहाँ 
उन तारों में जिसे
हर पल देखा करती थी मैं यहाँ
उसकी यादों से मुझे 
जिंदगी जीने की सीख मिलती है 
हौसला बुलंद होता है
उम्मीद मिलती है।

***

पर आसमान में जब 
काले बदल छाते हैं
और आशाओं पर पर्दा पड़ता है
तो चीर के मायूसियों को
मानो वह तारा मुझसे कुछ कहता है
की उठ अब तू कुछ खुद करके दिखा
मेरी यादों को दिल में ज़िन्दा रख
और ज़माने को ललकार के दिखा।

–XxXxX–

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