मुस्कराहट

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मुस्कराहट भी कया
चहरे का गज़ब भाव है
ख़ुशी में मुस्कुराओ
तो दिल खिल जाता है|

यदि दुःख में मुस्कुरओ तो गम को
छिपाने का जरिया बन जाता है
और कभी तो मुस्कराहट इन्सान में छिपी
बुराइयों का आईना भी बन जाता है|

मुस्कुराहाट एक मामूली सा भाव है
पर हर परिस्तिथि में
इसका एक अलग रूप सामने आता है
बस इन्सान को इसे परखना आना चाहिए|

यदि सही परखा तो इन्सान को
इन्सान की फितरत का पता चलता है
क्योंकि मुस्कराहट ही तो वह जरिया है
जो बिना शब्दों के सब कुछ ब्याँ करती है|

ऋषिका सृजन 

–XxXxX–

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© Rishika Ghai

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10 thoughts on “मुस्कराहट

  1. बहुत अच्छा लिखा है आपने मैम ,,, जैसे आज नमस्ते के हजार मतलब निकाल लिए जाते है वैसे ही मुस्कराहत से लोगों के तरह तरह के अंदाज नजर आते है ,,😊😊👌👏👌👏

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