ज़िन्दगी

16 X 20 Gouache and Acrylic

ऋषिका घई

ज़िन्दगी
क्या है ज़िन्दगी?
ज़िन्दगी एक खुली किताब है
जसमें कभी सुख है
तो कभी दुःख के पन्ने  बेहिसाब है|
 
ज़िन्दगी के ये दो पन्ने
एक ही सिक्के के दो पहलु हैं;
कभी दुःख तो कभी सुख,पर जो भी हो  
वह पल भर के लिए ही होता है
इसलिए कहती हूँ ज़िन्दगी खुल के जियो|
 
ज़िन्दगी के सफ़र में
हम सब एक मुसाफिर है
आज यहाँ तो कल वहाँ होंगे|
मुसाफिरो का काम होता है चलते रहना
तभी तो ज़िन्दगी मैं हर रोज़ एक नया पन्ना जुड़ेगा|
 
ज़िन्दगी;
कभी हँसाती है तो कभी रुलाती है
हँसी और गम को साथ लेकर चलो|
खुदगर्ज होते है वह लोग जो अपने लिए जीते है
जीना है तो दुसरो के लिए जियो|
 
कभी लोगो के दुःख मैं दुखी हो
तो कभी लोगो के सुख में सुखी हो|
ज़िन्दगी क्या है ?
क्या है ज़िन्दगी ?
चलती का नाम ही ज़िन्दगी है|
 
ज़िन्दगी को जीना है
तो अपने अपने ढंग से जियो
कभी किसी का बुरा मत करो|
हँसते गाते खुल के जियो…
जियो तो ऐसे जियो की सब के यादों में जियो|
 
ज़िन्दगी;
नाम तो छोटा सा है
पर एक उम्र बीत जाती है इसे सझने में
यह ज़िन्दगी एक ही बार तो मिलती है
फिर मिले या न मिले, इसलिए कहती हूँ ज़िन्दगी खुल के जियो|

–XxXxX–

 

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© Rishika Ghai

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